द्विदिवसीय आनंद उत्सव यात्रा प्रवास-2017 Photos


राजस्थान जैन सेवा समिति, सूरत द्वारा समाज के वरिष्ठ जनो के लिए आयोजित आनंद उत्सव यात्रा के तहत 8 बसों का कारवां शनिवार को 16 सितम्बर को महाराष्ट्रा के शाहपुर तीर्थ पर प्रात: 8,30 के करीब पहुंच गया। यात्री गण स्नान आदि से निवृत होकर अल्पाहार कर प्रसिद्ध आदिश्वर मन्दिर पहुंचे, ऊंचाई पर स्थित मुख्य मन्दिर के दर्शन कर यात्रियों ने इसी परिसर में स्थित क्षेत्रपाल दादा के दरबार में दस्तक दी, मन्दिर समीप वर्षों पुराने विशालतम वट वृक्ष पर सफेद नागराज ने दर्शन देकर यात्रियों की मुराद पूरी कर दी। मन्दिर दर्शन कर यात्री गण पुनः विमलांचल धर्मशाला पहुंचे, जहां आयोजित सम्मान समारोह में आनंद यात्रा के तमाम लाभार्थी परिवारों का सम्मान एंव अभिनंदन समिति की और से किया गया। उसके पश्चात दोपहर का भोजन एंव विश्राम का दौर चला, करीब 3 बजे मध्यान्ह में मोटिवेशनल कार्यशाला एंव मनोरंजक कार्यक्रम एंकर विशाखा के संचालन में हुए। इस कार्यक्रम में 'खुला मंच' के माध्यम से बुजुर्गों ने बड़ी ही रोचक प्रस्तुति दी, जिसमें श्री मांगीलाल जी अब्बानी ने सार्थक दोहों व श्रीमती विदामी देवी अब्बानी ने पारिवारिक सामंजस्यता पर अपने विचार प्रकट किए तथा अनेक ने भजनों-भरी प्रस्तुति दी। एंकर ने अनेक मनोरंजक गेम्स खेलाए। जिसमें हर उम्र के महिला-पुरूषों ने भाग लिया। विजेताओं को स्मृति भेंट प्रदान कर सम्मानित किया गया। सायं कालीन भोजन के पश्चात रात्रि में भक्ति सन्ध्या आयोजित हुई। जिसमें मुम्बई के गायकों ने अपने मधुर भजनों के द्वारा गजब का समा बांधा। शनिवार होने से अनेक तेरापंथी श्रावक-श्राविकाएं सामयिक में लीन नजर आए। पहले पड़ाव की यात्रा साआनंद सम्पन्न होने के पश्चात रात्रि विश्राम शाहपुर की विमलांचल धर्मशाला में ही हुआ। रविवार 17 सितम्बर को प्रात: 6,30 बजे आनन्द उत्सव यात्रा का कारंवा नासिक के निकट धर्मचक्र तीर्थ की लिए रवाना हुआ, जो कि 9 बजे अपने गंतव्य को पहुंच गया, प्रातःकालीन अल्पाहार के पश्चात यात्रीगण सृष्टि के अभिनव सौंदर्य श्री धर्मचक्र प्रभावी तीर्थ व उसमें समाहित ऐतिहासिक मन्दिर के दर्शनार्थ पहुंचे, दर्शन आदि से निवृत होकर करीब 11 बजे यात्री बसें सापुतारा की औऱ रवाना हुई, दोपहर डेढ़ बजे लगभग सभी यात्री बसें सापुतारा पहुंच गई। जहां दोपहर का भोजन कर सभी यात्री सापुतारा भ्रमण के लिए चल पड़े। सापुतारा में विभिन्न पॉइंटों के नजारों को निहार अधिकांश ने नोका विहार का आनंद उठाया । सांयकालीन भोजन की परिसम्पन्नता के पश्चात करीब 8 बजे यात्रा का कारवां सूरत के लिए चल पड़ा। द्वि दिवसीय यात्रा अपने आप मे अद्वितीय व अनुपम रही, यात्रा में समाहित राजस्थान जैन सेवा समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों का सेवा का जज्बा व समर्पण भाव सराहनीय रहा, बस हो या धर्मशाला या फिर पिकनिक पॉइंट, सर्वत्र ये समर्पित युवा वरिष्ठ जनों की सेवा में जुटे रहे, एक दृष्टि से ये सम्पूर्ण आनंद उत्सव यात्रा प्रवास आनंद एंव उल्लास से परिपूर्ण रही। यात्रा में शामिल तमाम वरिष्ठ जन युवाओं की कर्तव्य परायणता व समर्पण भाव के कायल हो गए।

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